हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , दमिश्क़ में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ात में अमीर अब्दुल्लाहियान ने इस्राईल को एक महत्वहीन अवैध क़ब्ज़ा करने वाला शासन बताया हैं।
उन्होंने कहा, फ़िलिस्तीन और अल-क़ुद्स शहर इस्लामी जगत के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जब तक कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का उसकी ऐतिहासिक सीमाओं में गठन नहीं हो जाएगा, मुसलमानों के लिए यह मुद्दा सबसे दाग़ मुद्दा बना रहेगा।
ईरानी विदेश मंत्री का कहना था कि अमरीका और उसके सहयोगियों ने एक के बाद दूसरी कई योजनाओं का एलान किया, जिसमें सबसे नई योजना अब्राहम अकार्ड है। हालांकि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और प्रतिरोधी शक्तियों ने अपनी एकजुटता और समझदारी से इन सभी साज़िशों पर पानी फेर दिया।
उन्होंने कहा कि मई 2021 में इस्राईली सेना के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठनों के स्वॉर्ड ऑफ़ अल-क़ुद्स नामक 11 दिनों के सैन्य प्रतिरोध ने साबित कर दिया प्रतिरोध और फ़िलिस्तीन दोनों ज़िंदा हैं।